Friday, December 6, 2013

....... पहला प्यार :))


ज़िंदगी का पहला प्यार 
कौन भूलता  है
ये  पहली  बार होता  है  

जब कोई किसी को
खुद से बढ़कर 

चाहता है
उसकी पसंद उसकी ख्वाहिश 

में खुद को भूल जाता है
होता है इतना 

खूबसूरत पहला प्यार 
तो न जाने
क्यों अक्सर अधूरा रह जाता  है .....!!!


-- राज चौहान 


13 comments:

  1. अक्सर अधूरी चीजें...जीवन भर के लिए हमारे साथ रह जाती है..शायद प्यार भी इसीलिए ख़ास बन जाता है..सुन्दर रचना

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  2. बढ़िया प्रस्तुति-
    आभार आदरणीय-

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  3. कोमल अहसास लिए सुन्दर भावपूर्ण रचना...
    :-)

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  4. उत्तम...इस प्रस्तुति के लिये आप को बहुत बहुत धन्यवाद...

    नयी पोस्ट@ग़ज़ल-जा रहा है जिधर बेखबर आदमी

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  5. प्यार तो प्यार होता है पूरा अधूरा कहां ... मिलन जुदाई जो समय की बात है बस ...

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  6. बहुत सुन्दर . अच्छी प्रस्तुति

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  7. अच्छी अभिव्यक्ति

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  8. आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...

    नयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है

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  9. शायद अधूरे रह जाने में ही पहले प्यार की पूर्णता है...और जब ये अधूरा रहकर आदमी को अधिक परिपक्व और संपूर्ण बना देता है...सुंदर रचना।।।

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  10. अच्ची रचना है प्रथम प्रेम के बारे में। स्वयं शून्य

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  11. मंगलकामनाएं आपकी लेखनी को !!

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  12. प्रेम तो पूर्ण भगवान को भी नहीं मिला, चाहें तो आप इतिहास उठा कर देख ले।
    लेकिन प्रेम अपू्र्ण रहकर भी पूर्ण हैं
    http://savanxxx.blogspot.in

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