Wednesday, November 21, 2012

सीख रहा हूँ दुनियादारी - डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

सभी ब्लॉगर साथियों को नमस्कार आज पेश है चर्चा मंच के बेहतरीन चर्चाकार आदरणीय रूपचंद शास्त्री जी एक पुरानी  बेहतरीन रचना .......!
 
सम्बन्धों के चक्रव्यूह में,
सीख रहा हूँ दुनियादारी।
जब पारंगत हो जाऊँगा,
तब बन जाऊँगा व्यापारी।।

खुदगर्जी के महासिऩ्धु में,
कैसे सुथरा कहलाऊँगा?
पीने का पानी सागर से,
गागर में कैसे पाऊँगा?
बिना परिश्रम, बिना कर्म के,
क्या बन पाऊँगा अधिकारी।
जब पारंगत हो जाऊँगा,
तब बन जाऊँगा व्यापारी।।

जीवन के झंझावातों से,
कदम-कदम पर लड़ना होगा।
बाधाओं को दूर हटाकर,
पथ पर आगे बढ़ना होगा।
जीवन का अस्तित्व बचाना,
मेरे जीवन की लाचारी।
जब पारंगत हो जाऊँगा,
तब बन जाऊँगा व्यापारी।।

माँ ने जन्म दिया है मुझको
बापू ने चलना बतलाया।
जन्मभूमि ने मेरे मन में,
देशप्रेम का भाव जगाया।
अपने पथदर्शक गुरुओं का,
सदा रहूँगा मैं आभारी।
जब पारंगत हो जाऊँगा,
तब बन जाऊँगा व्यापारी।।
 
@ राज चौहान 

Friday, November 9, 2012

दीपों का यह पर्व -- धीरेन्द्र सिंह जी

सभी ब्लॉगर साथियों को नमस्कार अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ! दीपावली के पवन अवसर पर धीरेन्द्र सिंह भदौरिया जी एक बेहतरीन रचना .......!


दीपक करने गए,धरती पर उजियार
आलोकित संसार है, भाग रहा अंधियार.

उजलापन यह कह रहा,मन में भर आलोक
खुशियाँ बिखरेगी सतत,जगमग होगा लोक.

दीपक नगमे गा रहे,मस्ती रहे बिखेर
सबके हिस्से है खुशी,हो सकती है देर.

छत पर उजियारा पला,रौशंन हुई मुडेर
या खुद लक्ष्मी आयेगी,या उसको ले टेर,

जगमग सारा जग हुआ,नगरऔर हर गाँव
संस्कार की जय हुई,मिली नेह को ठांव.

अंतर्मन उजला हुआ,दीपों का यह पर्व
हर इंसा अब कर रहा,आज स्वमं पर गर्व,

सत्य आज फिर पल रहा,धर्म करे जयघोष
अहंकार मत पालना,वरना खुद का दोष,

उजियारा इक भाव है,उजियारा गुणधर्म
उजियारे से प्रगति है ,समझो प्रियवर मर्म.

आलोकित संसार में,हरदम पलता प्यार
उजलेपन से ही सदा,जीवन पाता सार,

दीपों की यह है कथा,जीवन में उजियार
संघर्षो के पथ रहो, कभी मानो हार,
 

 धीरेन्द्र सिंह जी का आभारी हूँ उन्होंने हमेशा ही मेरा उत्साहवर्धन किया है
........................बहुत बहुत आभार धीरेन्द्र सिंह जी 

@ राज चौहान

Tuesday, September 18, 2012

गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई ...!!

सभी ब्लोगेर साथियों को
क्योंकि सपना है अभी भी की तरफ से गणेश चतुर्थी की हार्दिकबधाई ...!!

@
राज चौहान

Sunday, September 16, 2012

परंपरा -- रामधारी सिंह "दिनकर"

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह "दिनकर" जी के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी.......!!

परंपरा


परंपरा को अंधी लाठी से मत पीटो |

उसमे बहुत कुछ है,
जो जीवित है,
जीवन दायक है,
जैसे भी हो,
ध्वसं से बचा रखने लयक है |

पानी का छिछला होकर

समतल मे दोडना,
यह क्रंनति का नाम है |
लेकिन घाट बँआनधकर
पानि को गहरा बनाना
यह पुरमपरा का नाम है|

पंरपरा और क्रंनति में

संघषऋ चलने दो |
आग लगि है, तो
सूखि डालो को जलने दो|

मगर जो डालें

आज भी हरि है ,
उनपर तो तरस खाओ|
मेरि एक बात तुमा मान लो |

लोगो कि असथा के अधार

टुट जाते है,
उखडे हुए पेड़ो के समान
वे अपनि ज़डो से छुट जाते है|

परुमपरा जब लुपत होति हैं

सभयता अकेलेपन के
दर्द मे मरति है|
कलमे लगना जानते हो,
तो जरुर लगाओ,
मगर ऐसी कि फ़लो मे
अपनि मिट्टी का सवाद रहे|

और ये बात याद रहे

परुमपरा चिनि नहि मधु है|
वह न तो हिन्दू है, ना मुसलिम ....!!!


-- रामधारी सिंह "दिनकर"



Friday, August 10, 2012

ब्लॉग जगत के सभी मित्रों को कान्हा जी के जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां !!!

राधा का प्रेम
मुरली की मिठास
माखन का स्वाद
गोपिओ का रास
इन्ही से मिलकर
बनता है !
जन्माष्टमी का दिन खास !
ब्लॉग जगत के सभी मित्रों को कान्हा जी के जन्मदिवस की हार्दिक बधाइयां !!!

Monday, July 30, 2012

ये लम्हा कुछ खास है !

ये लम्हा कुछ खास है
बहना के हाथों में भाई का हाथ है
बहना
तेरे लिए मेरे पास कुछ खास है
तेरे
सुकून की खातिर मेरी बहना
तेरा
भाई हमेशा तेरे साथ है ....!

Wednesday, July 18, 2012

चला गया बॉलीवुड का 'आनंद'


















बालीवुड
के महानायक राजेश खन्ना जी को मेरी और से विनम्र श्रद्धांजलि....!

@ राज

Thursday, April 12, 2012

रुलाया क्यूँ ...!!!

साथ छोड़ कर गम नहीं मुझे

गम ये है तू मेरी जिंदगी में आया क्यूँ

प्यार की इस छोटी सी भूल के लिए

जिंदगी भर को मुझे रुलाया क्यूँ ...!!!

Saturday, March 31, 2012

याद रखेंगे आपको .............!

लिखा है आज मैंने कुछ इस तरह

की पसंद आये आपको इस तरह

हम रहे या ना रहे इस दुनिया में

याद आयेंगे आपको

अगर जुदा हो भी जाये रूह जिस्म से

कभी भी हम नहीं भूलेंगे

याद रखेंगे आपको .............!

Wednesday, March 21, 2012

हर कदम पर इम्तिहान लेती है ज़िन्दगी











हर
कदम पर इम्तिहान लेती है ज़िन्दगी
हर वक़्त नया सदमा देती है ज़िन्दगी
हम ज़िन्दगी से क्या शिकवा करे
आप जैसे दोस्त भी तो देती है ज़िन्दगी !!
-- राज चौहान