सभी ब्लॉगर साथियों को नमस्कार आज पेश है दिगंबर नासवा जी माँ पर लिखी एक बेहतरीन रचना ......!
मैने तो जब देखा अम्मा आँखें खोले होती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
बँटवारे की खट्टी मीठी कड़वी सी कुछ यादें हैं
छूटा था जो घर आँगन उस पर बस अटकी साँसें हैं
आँखों में मोती है उतरा पर चुपके से रोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
मंदिर वो ना जाती फिर भी घर मंदिर सा लगता है
घर का कोना कोना माँ से महका महका रहता है
बच्चों के मन में आशा के दीप नये संजोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
चेहरे की झुर्री में अनुभव साफ दिखाई देता है
श्वेत धवल केशों में युग संदेश सुनाई देता है
इन सब से अंजान वो अब तक ऊन पुरानी धोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है !!
मैने तो जब देखा अम्मा आँखें खोले होती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
बँटवारे की खट्टी मीठी कड़वी सी कुछ यादें हैं
छूटा था जो घर आँगन उस पर बस अटकी साँसें हैं
आँखों में मोती है उतरा पर चुपके से रोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
मंदिर वो ना जाती फिर भी घर मंदिर सा लगता है
घर का कोना कोना माँ से महका महका रहता है
बच्चों के मन में आशा के दीप नये संजोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है
चेहरे की झुर्री में अनुभव साफ दिखाई देता है
श्वेत धवल केशों में युग संदेश सुनाई देता है
इन सब से अंजान वो अब तक ऊन पुरानी धोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है !!
@ राज चौहान
बहुत सुंदर .....हर पंक्ति मन छूने वाली....नासवा जी को शुभकामनायें और आपको भी !
ReplyDeleteबहुत सुद्नर आभार आपने अपने अंतर मन भाव को शब्दों में ढाल दिया
ReplyDeleteआज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
एक शाम तो उधार दो
आप भी मेरे ब्लाग का अनुसरण करे
शुक्रिया राज जी ... माँ की यादों में डूबा हुवा जो भी लिखता हूं कम ही लगता है ...
ReplyDeleteआपका आभार सभी तक इस रचना को ले जाने का ...
बहुत ही उम्दा मन को छूती सुंदर प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
नसवा जी को नियम से पढ़ती हूँ....इस भावपूर्ण रचना को दुबारा पढ़वाने का शुक्रिया...
ReplyDeleteअनु
चेहरे की झुर्री में अनुभव साफ दिखाई देता है
ReplyDeleteश्वेत धवल केशों में युग संदेश सुनाई देता है
इन सब से अंजान वो अब तक ऊन पुरानी धोती है
जाने किस पल जगती है वो जाने किस पल सोती है !!
हृदयस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....
बहुत सुन्दर और सार्थक रचना आभार
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बहुत ही सुन्दर और हदयस्पर्शी रचना !!
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